ELLORA-अनसुलझे प्रसिद्ध भारतीय मंदिर।

ELLORA TEMPLE

ELLORA TEMPLE

भारत मे मौजूद आप कई अजीबो गरीबी चीजों के बाड़े मे जरूर हि सुना होगा। लेकिन एक भी अदभुद चीज मौजूद है जिससे भारत के लोग हि इस बात को आजतक नही समझ पाए कि आखिर ये कैसे बना।

आपने आजतक कई अदभुद और अविश्वसनीय जैसे ईमारत और क्लाकृतियों के बारे में सुना होगा। लेकिन आज मै भारत के एक ऐसे अनोखे मंदिर के बारे में जानकारी देने वाला हुं आपने शायद हि ऐसे अदभुद कला के बारे में कल्पना किया होगा। एलोरा मंदिर जो भारत के महाराष्ट्र के औरंगाबाद ज़िले मे आज भी मौजूद है।

ये एक ऐसा अद्भुद मंदिर है जिसका क्लाकृति का कोई मुकाबला नही है ये मंदिर प्राचीन भारत के संस्कृति को बताती है। भारत के सबसे प्राचीन और वैज्ञानिक धर्म बौद्ध धर्म को ये मंदिर सबसे ज्यादा प्रभावित करती है। जिसमे बौद्ध धर्म के संस्थाप बुद्ध कि मूर्ति भी देखने को मिलता है।

बौद्ध धर्म

माना जाता है कि प्राचिन बौद्ध बिच्छू इस प्राचीन ELLORA TEMPLE मे ध्यान करते है और उस वक्त मे यहां ध्यान किया जाता था। और यहां पर संन्यासी ज्ञान को उपलब्ध होते थे। ये अद्भुद मंदिर मे बुद्ध को पूजा जाता था। कई संन्यासी दूर दूर से इस जगह को तीर्थ मानते थे। और यहां आने के बाद तरह तरह के बाते को आपस में समझाते और सीखते थे ठिक उसी प्रकार जिस प्रकार आज हम स्कूल मे शिक्षा ग्रहण करने जाते है।

उस वक्त मे ELLORA TEMPLE भी एक प्रकार का स्कूल था। जहां हर प्रकार का ज्ञान सीखने को मिलते थे सबसे ज्यादा वहां ध्यान को उपलब्ध किया जाता था। लेकिन इस चीज का शुरुआत कब हुआ और कब तक जारी रहा इस बात का जिक्र किसी को आज नही पता।

एलोरा मंदिर मे इसबात का प्रमाण है कि बुद्ध कि मूर्ति है। जिससे इस बात को यकीनन हम कह सकते है कि बौद्ध धर्म का प्रभाव रहा है।

दूसरा धर्म जो एस ELLORA TEMPLE के प्रभाव मे देखने को मिलता है वो जैन धर्म है। इस धर्म का इस मंदिर पर कुछ खास प्रभाव नही रहे लेकिन इस अद्भुद मंदिर मे जैन धर्म के संस्थापक महावीर का प्रभाव भी देखने को मिलता है। इस धर्म मे भी कुछ कुछ बौद्ध धर्म जैसे हि सोच देखने को प्रतीत होते है। इस मंदिर मे भी महावीर को पूजा जाता है। और ध्यान कि विधि को हि प्रभावित करती हुई महशुष होता है।

तीसरा जो एस मंदिर को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है वो हिंदू धर्म है ELLORA TEMPLE मे हमे हिन्दू धर्म के एक देवता शिव के शिवलिंग देखने को मिलता है। जो इस मंदिर को एक और धर्म से जुड़े होने का प्रमाण देता है। इस धर्म भी शिक्षा और ध्यान को हि प्रभावित करता है।

तकनीक ( Technology )

इन तीनों धर्मो ने इस एलोर मंदिर को अनोखे और अद्भुद ज्ञान का भांडर होने का वर्णन करता है। तीनो हि धर्म इस बेहतरीन मंदिर पर अपने अपने धर्म तथा शिक्षा के बाड़े में हमे समझाते है। एलोरा मंदिर एक ऐसी अद्भुत संरचना है, जिस संरचना बनाना आज के उन्नत मशीनों के साथ-साथ 3D प्रिंटिंग की तकनीक से भी बहुत मुश्किल होगा।

यदि आपको लगता है कि यह साधारण सा मात्र संरचना है, तो आपको इसके बारे में जानने की आवश्यकता है। क्योंकि इस संरचना को बनाने के लिए केवल एक पत्थर को काटकर, ऊपर से नीचे की ओर बनाया गया है। जिस प्रकार से इस महान संरचना को बनाया गया है, वह आज के दौर में संभव नहीं है। इसके लिए अनेक तकनीकों का उपयोग किया जाता है, लेकिन उस समय ऐसे संरचनाओं को बनाने के लिए केवल एक पत्थर को काटकर, ऊपर से नीचे की ओर बनाया जाता था।

इस संरचना को बनाने के लिए कोई मशीन नहीं थी, कोई 3D प्रिंटिंग की तकनीक नहीं थी, फिर भी इस संरचना को बनाया गया। इससे पता चलता है कि हमारे पूर्वजों के पास कौन सी तकनीक होगी, जो आज के समय में हमारी कल्पना से परे ऐसे संरचनाओं को बनाने में सक्षम थी।

लेकिन एक सवाल है जो सबके लिए चिंतन का विषय बना हुआ है। आखिर इस एतिहासिक संरचना का निर्माण कैसे किया गया। कई रिसर्चर तो मानते है कि हमारे भारत के सबसे प्रसिद्ध एलोरा मंदिर का निर्माण किसी परग्रिही जीवों ने किया या उनके मदद से किया गया है। क्योंकि उस समय कोई भी ऐसी तकनीक मौजूद हि नही थे जिससे ऐसे सरंचना को बनाया जा सकता। लेकिन आज भारत वासी का मानना है कि हमारे पूर्वज के कई सालों के मेहनत और जी जोर लगाकर उन्होंने इस महान मंदिर का निर्माण किया।

लेकिन अजीब बात ये है जब हमारे पूर्वज ने ये मंदिर बनाए तो सिर्फ़ एक हि ऐसे मंदिर क्यों बनाया। पूरे भारत तथा दुनिया में इतना पुराना ऐसा मंदिर कही नही मौजूद है। लेकिन सच्चाई तो कोई भी नही जनता कि आखिर कैसे इस महान सरंचना को आकार दिया होगा। आप अपने जीवन काल में एक बार इस महान एतिहासिक ईमारत को देखने जरूर जाएं।

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